दोस्तों गुरूर या घमंड जिन्दगी में हर इंसान के जीवन में किसी न किसी तरह शामिल है। हमने इन शायरियों के जरिये गुरूर को कई अर्थों में शामिल किया है । यदि आप भी इन्टरनेट पर गुरूर शायरी Guroor Shayari in Hindi ढूँढ रहे हो तो आप सही पोस्ट पर आये हो इन शायरियों को आप अपने सोशल मिडिया पर भी शेयर कर सकते हो ।
Guroor Shayari
गुरूर किस बात का दोस्तो जिन्दगी में,
आज माटी के ऊपर कल माटी के नीचे !
किरदार में मेरे भले अदाकारियाँ नहीं हैं,
खुद्दारी हैं गुरूर हैं पर मक्कारियाँ नहीं हैं !
मुख्तसर सा गुरूर भी जरूरी है जीने के लिए
ज्यादा झुक के मिलो तो दुनिया,
पीठ को पायदान बना लेती है !
मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत हैं इस दुनिया में,
बाद में पता चला की सब चाहते हैं अपनी जरूरत के लिए !
गुरूर की हैसियत बस इतनी सी है,
बस एक पल दूर है अब वो टूटने से !
सुनो मगरूर हम भी बहोत हैं,
बस तेरे गुरूर का एहतेराम करते हैं !
घमंड जब घुसा इंसान के शरीर में,
इंसान झुकने की कोशिश भी,
खड़े-खड़े करने लगा !
चीजें अक्सर छोटी लगती हैं,
जब कोई दूर से या गुरूर से देखता है !
Gurur Shayari in Hindi
ऊँचाई पर चढ़कर कभी गुरूर मत करना,
ढलान वही से शुरू होती है !
चांद को गुरूर है की उसके पास नूर है,
ऐसे चांद से क्या फायदा जो कोसो मुझसे दूर है !
साफ दामन का दौर तो कब का खत्म हुआ साहब,
अब तो लोग अपने धब्बों पे गुरूर करने लगे हैं !
जरूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को,
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता !
गुरूर का भार इतना भारी होता है की,
इंसान उसे उठाते-उठाते,
दूसरों की नजरों से ही गिर जाता है !
गुरुर नहीं है मुझमें हाँ मगर,
जिद्दी मैं कमाल का हूँ !
घमंड जब घुसा इंसान के शरीर में,
इंसान झुकने की कोशिश भी खड़े-खड़े करने लगा !
चेहरे पर हंसी छा जाती है आँखों में सुरूर,
आ जाता है जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है !
गुरूर शायरी
बादशाह तो वक्त होता हैं,
इंसान तो यूँ ही गुरुर करता है !
हौसलों को हमेशा हवा में रखना,
पर कुछ हासिल करने के बाद,
हवा में मत उड़ने लगना !
तोड़ेंगे गुरुर इश्क का,
और इस कदर सुधर जायेंगे,
खड़ी रहेगी मोहब्बत बीच रास्ते में,
और हम सामने से गुजर जायेंगे !
क्यूँ ना गुरूर करता में अपने आप पे,
मुझे उस ने चाहा जिस के चाहने वाले हजारों थे !
रूबरू होने की तो छोड़िये,
लोग गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते,
अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं !
हमें लगा रूठे हो तुम तभी हमसे झगड़े हो तुम,
सोचा लौट कर आओगे पर बेहद घमंडी हो तुम !
आज इंसानियत का रंग इतना बेरंग क्यूँ है,
हर शख्स को खुद पर इतना गुरूर क्यूँ है !
हो सके तो दिल में रहना सिखो,
गुरूर में तो हर कोई रहता है !
चलो रहने देते है मुलाकातों के सिलसिले,
मै अपने सुरूर में खुश तुम अपने गुरुर में !
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना छोड़ दी हमने,
जरा हम भी देखे कौन चाहता है तुम्हे हमसे जयादा !
तेरी अकड़ दो दिन की कहानी हैं,
मेरा गुरूर तो खानदानी है !
कोशिश यही रहती है,
हमसे कभी कोई रूठे ना,
मगर नजरअंदाज करने वालों को,
पलट कर हम भी नहीं देखते !
जो लोग अपनी गलती खुद नहीं मानते हैं,
उन्हें वक्त अपनी गलती मनवा लेता है !
अगर तुझको गुरूर है सत्ता का इस कदर तो,
हम भी तख्तों को पलटने का हुनर रखते हैं !
तेरा लहजा याद रखने को,
मैं चाय भी कड़वी पीता हूँ !
कैसा लगा दोस्तों आपका यह Guroor Shayari in Hindi पोस्ट यदि आपको अच्छा लगा तो आप निचे हमें कमेंट में अपनी राय जरुर दें सकते हो यदि आपको पोस्ट अच्छा लगा तो शेयर जरुर करें । (धन्यवाद)