बेवफा सरल भाषा में कहें तो एक बेवफा का दिल दुसरे दिल की गहराई को नहीं समझता उसे अपने आशिक के दर्द का कोई एहसास नहीं होता है ऐसे लोगो को हम बेवफा कहते हैं । आजकल वफादार कम और बेवफा लोग ज्यादा हो गये हैं आजकल लोगो को प्यार का कोई मायना नही रखता एक छोड़ा दूसरा पकड़ा प्यार लोगो के लिए एक खेल हो गया है । किसी के भी दिल से खेल बैठते हैं । इसी लिए शायरों ने बेवफा लोगो पर कुछ शायरी लिखी हैं जो हम आपके साथ साझा कर रहे हैं । Bewafa Shayari in Hindi को उनको जरुर शेयर करें जिन्होंने आपका दिल थोडा है । जिन्होंने आपसे बेवफाई की है ।
Bewafa Shayari
मोहब्बत में अक्सर ऐसा ही होता है,
बेवफाई करने वाले हंसते हैं,
और वफा करने वाले रोते हैं !
उसकी बेवफाई का जहर मुझमे,
कुछ इस तरह भर गया,
कल एक सांप ने मुझे काटा,
और काटते ही मर गया !
तेरी बेवफाई का गम तो नहीं,
मगर तू बेवफा है दुःख ये भी कम नहीं !
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हें दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा !
फिर निकलेंगे तलाश-ए-मोहब्बत के लिए
कोई बेवफा न मिले दुआ करना दोस्तों !
जो भी इस दिल के करीब आया है,
उसने ही इस दिल को तड़पाया है !
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी इश्क-ऐ-बवाल से !
बहुत ही अजीब लड़की थी वो यार,
पहले मेरी जिंदगी बदली फिर खुद ही बदल गयी !
Bewafa Shayari in Hindi
तुझे भूल कर कहीं मर ना जाऊं
इस तरह के कुछ वादे थे,
उस बेवफा के !
मेरे दिल में तन्हाइयों का एक काफिला हुआ है,
जब से तेरे मेरे दरमियाँ ये फासला हुआ है !
वो कहता है कि मजबूरियां हैं बहुत,
साफ लफ्जों में खुद को बेवफा नहीं कहता !
मजबूरियाँ थी उनकी और जुदा हम हुए
तब भी कहते है वो कि बेवफा हम हुए !
गुजर गया वो वक्त जब तेरी तलब थी मुझको,
अब तो तू जिंदगी भी बन जाए तब भी कुबूल न करूँ !
तेरी बेवफाई में ए बेवफा,
मुझे गुस्सा अपने प्यार पर आता है !
तुम्हारे बात करने के ढंग से लग रहा है,
कि तुम अब किसी की बातो में आ चुके हो !
कोई शिकवा नही है तुमसे बेवफाई का,
में परेशान हूँ खुद अपनी वफाओं से !
सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर,
जानें वो क्यों बदल गया मुझको इतना बदल कर !
उसने जी भर के मुझको चाहा था,
फिर हुआ यूँ की उसका जी भर गया !
बेवफा शायरी
तुम्हें गलतफहमी है कोई सच्चाई नहीं है,
यह सच्चा प्रेम है कोई बेवफाई नहीं है !
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली !
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना जितनी मुझे सजा मिली !
हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम,
होने लगे हो कुछ-कुछ बेवफा से तुम !
मेरा प्यार सच्चा था,
इसलिए तेरी याद आती है,
अगर तेरी बेवफाई भी सच्ची है,
तो अब यादों में मत आना !
काश कैद कर ले वो पागल,
मुझे अपनी डायरी में,
जिसका नाम छिपा होता है,
मेरी हर शायरी में !
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क
पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह !
हम तो उसके प्यार में इतना दीवाना थे,
के हमको ये पता ही ना चला के
उसने कब हमसे बेवफाई करली !
बेवफाई का मौसम भी,
अब यहां आने लगा है,
वो फिर से किसी और को,
देख कर मुस्कुराने लगा है !
मोहब्बत से भरी कोई गजल उसे पसंद नहीं,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं !
बड़ा अजीब दस्तूर है इस दुनिया का,
बेवफाई दिलबर करता है लेकिन,
बदनाम सरेआम मोहब्बत होती है !
उस इंसान को धोखा मत देना,
जो आपके लिए अपनी आदतें,
बदल ले !
तेरे इश्क ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफा न लगे !
Bewafa Dard Bhari Shayari
हर भूल तेरी माफ की,
तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का,
तूने बेवफा बनकर सिला दिया !
महफिल ना सही तन्हाई तो मिलती है,
मिलें ना सही जुदाई तो मिलती है,
प्यार में कुछ नहीं मिलता,
वफा ना सही बेवफ़ाई तो मिलती है !
कुछ और पता नहीं मुझे पर,
जिसके लिए में रोई हूँ
तू वो पहला इंसान है !
मैं तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूँढता हूँ
जो बेवफाई करे और बेवफा न लगे !
खुश हूँ कि मुझको जला के तुम हँसे तो सही,
मेरे न सही किसी के दिल में बसे तो सही !
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने करीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से !
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है,
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है !
एक ऐसा जाम पीला दो यारों,
जो मेरे सिने को चीर के गुजर जाए
जाम का नशा चढ़े इतना जोर से,
वेवफा के प्यार का सारा नशा उतर जाए !
जहाँ से जी ना लगे तुम वहीं बिछड़ जाना,
मगर खुदा के लिए बेवफाई ना करना !
जरूरी काम है लेकिन रोजाना भूल जाता हूँ
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ !
दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है,
बेवफाई मेहबूब से मिलती है,
और बेवफा मोहब्बत बन जाती है !
किसको परवाह है किसी के जज्बातो की,
यहां हर शख्स अपने मतलब से मिलता है !
अब अगर रूठे तो रूठें रहना,
मै मनाने वाला हुनर भूल चुका हूँ !
दिल को बहुत समझाया,
उनके प्यार को दिल में बसाया,
मगर अफसोस इस प्यार में ही हमने,
अपना सब कुछ गंवाया !
कैसा लगा दोस्तों आपको हमारा यह Bewafa Shayari in Hindi पोस्ट यदि आपको अच्छा लगा तो अपने दोस्तों और सोशल मिडिया पर भी शेयर जरुर करें । और यदि आपके साथ भी किसी ने बेवफाई की है तो उनको यह शायरी जरुर भेजें। (धन्यवाद)