दोस्तों जैसे की आप जानते हैं शराबी शायरी इंसान तब ढूंढता है जब वह नशे में रहता है और नशे में इंसान तब ढूंढता है जब वह किसी चीज से परेशान है या कोई इंसान उसे तकलीफ दे रहा है या किसी के गम में जब कोई इन्सान प्यार में धोका खाता है इंसान के शराब पीने की कई करण हो सकते हैं हर कोई शराब अपने सौक के लिए पीता है जैसे कि आप सभी जानते हैं शराब हमारे शरीर के लिए कितनी हानिकारक है फिर भी इंसान इसे बनाता है और पिता भी है । आज के इस पोस्ट हम आपके शराबी शायरी Sharab Shayari in Hindi लाये हैं अगर आपको भी शराबी शायरी पसंद हैं तो यह पोस्ट आपको बहुत पसंद आने वाला है क्युकी इस पोस्ट में हमें 100 से ज्यादा Daru Shayari पोस्ट की हैं ।
Best Sharabi Shayari
मैयखाने में आऊंगा मगर पिऊंगा नही साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती !
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है,
बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है !
लोग जिंदगी में आये और चले गए
लेकिन शराब ने कभी धोखा नहीं दिया !
पिला दे ओक से साकी जो हम से नफरत है,
पियाला गर नहीं देता न दे शराब तो दे !
इस शराब को बुरा ना कहो यारों,
ये गम में डूबे हुए को तैरना सिखाती है !
नशा हम किया करते हैं,
इल्जाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं !
एक पल में ले गई मेरे सारे गम,
खरीद कर कितनी अमीर होती है,
ये बोतल शराब की !
पीता हूँ जितनी उतनी ही तेरी याद आती है,
साकी ने जैसे इश्क मिला दिया हो तेरा शराब में !
Daru Shayari in Hindi
झूठ कहते हैं लोग कि शराब गमों को हल्का कर देती है,
मैंने अक्सर देखा है लोगों को नशे में रोते हुए !
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलो का रंग देख नीयत बदल गई !
रहता हूँ बहका बहका तो शराबी ना समझना,
कभी किसी की यादें भी बहका दिया करती हैं !
पिला दो घुट शराब तुम अपनी नशीली आँखों से,
हमें नशे में बहकने दो अपनी बाहों में !
मैं मुद्दत से मुरादी हूँ भरोसा रख मैं राजी हूँ
तुझे शायद पता ना हो तेरी तरह शराबी हूँ !
एक बोतल एक गिलास हर शाम लेकर,
फिर पीकर रोता हूँ बहुत तेरा नाम लेकर !
एक बार टूट जाए दिल तो,
फिर ना किसी से मोहब्बत दुबारा होती है,
जब आए उस बेवफा की याद तो,
फिर जीने का शराब ही सहारा होती है !
आज पी लेने दे जी लेने दे मुझ को,
कल मेरी रात खुदा जाने कहाँ गुजरेगी !
जिसके दिन खराब चल रहे होते हैं,
उसकी रातों में अक्सर शराब चल रही होती है !
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए
तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की !
बैठा तो बड़े शौक से हूं हाथ में जाम लेकर,
फस ना जाऊं कहीं महफिल में उनका नाम लेकर !
नशे में हूँ अब और कितना छुपाया जाए
चलो अब सच सबको बताया जाए
जो पीते हैं उनसे कोई डर नहीं है हमें,
जो नहीं पीते हैं इस बार उनको पिलाया जाए !
शराबी पर शायरी
मेरी हालत मेरे हालात दोनों ही खराब है,
मेरा दोस्त मेरा दुश्मन अब दोनों ही शराब है !
लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ खराब कहते हैं,
दवा है हजार गमों की उसे शराब कहते हैं !
पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी,
कसम देकर महफील में यारों ने पिलाई
उसी की कसम देकर !
शौंक ना था पीने का जरा भी मुझे,
वो तो मोहोब्बत ने बना दिया शराबी मुझे !
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी,
साकी से हंगामा ना नमाज अदा,
हो सकी ना शराब पी सके !
मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती,
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती !
गिरी मिली एक बोतल शराब की,
तो ऐसा लगा मुझे जैसे बिखरा पड़ा हो,
सुकून किसी के एक रात का !
ये दुनिया शराब को खराब तो,
ऐसे बताती है जैसे खुद बहुत अच्छी होगी !
कुछ तो शराफत सीख ले ए इश्क शराब से,
बोतल पे लिखा तो है मैं जान लेवा हूँ !
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी,
अब किधर मिलोगे पागलखाने या मैखान !
खाली जाम लिए बैठे हो उन आँखों की बात करो,
रात बहुत है प्यास बहुत है बरसातों की बात करो !
मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती,
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती !
हम लाख अच्छे सही लोग ख़राब कहते है,
बिगड़ा हुआ वो हमको नवाब कहते है,
हम तो ऐसे ही बदनाम हो गए है,
की पानी भी पीये तो लोग शराब कहते है !
शराब इश्क़ से बेहतर है जनाब,
समझना है तो थोड़ा पीना पड़ेगा !
ना जख्म भरे ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई !
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !
नशा हम किया करते हैं,
इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं !
मैखाने मे आऊंगा मगर पिऊंगा नहीं ऐ साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती !
मै तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मै जवाब बनता अगर तू सबाल होती,
सब जानते है मै नशा नही करता,
मगर मै भी पी लेता अगर तू शराब होती !
रातें भर की मस्ती दिल को छू जाए,
खुमार में डूबा हुआ रात को साहिल पे आए !
रातें भर बैठा हूँ बराबरी का सामना,
शराबी हूँ मैं ज़िंदगी से है,
ये ठना खुदा से मांगा था,
इश्क का सवाल,
पाई बोतल में ही मेरी मोहब्बत का जवाब !
जैसे की आपने उपर दी गयी शायरी को देखा और पड़ा होगा उसमे हमने शराब शायरी डाली हैं अगर आपको यह शायरी पसंद आये तो शेयर जरुर करें ।